उत्तराखंड मेट्रो रेल परियोजना के काम शुरू हो गए हैं। ऐरोस्पेस कंपनी AG ड्रोन ने मेट्रो में PRT कॉरिडोर बनाने के लिए ड्रोन सर्वे शुरू किया है। रिपोर्ट मिलने पर डीपीआर बनाया जाएगा।
हाल ही में उत्तराखण्ड को मेट्रो रेल से जोड़ने के लिए एक परियोजना पर काम शुरू हो गया है। यह पीआरटी कॉरिडोर बनाने के लिए मेट्रो रेल ने आईजी ड्रोन ऐरोस्पेस कंपनी से ड्रोन सर्वे शुरू किया। दो महीने में सर्वे रिपोर्ट देने के बाद, कंपनी विभाग को डीपीआर बनाने में भी तकनीकी मदद करेगी। 2022 में प्रदेश कैबिनेट ने देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश को जोडने के लिए एक मेट्रो प्रोजेक्ट मंजूर किया था।
केंद्र से हरी झंडी मिलते ही मेट्रो रेल ने तीन व्यक्तिगत रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर (PPRT) के निर्माण के टोपोग्राफिकल सर्वे के टेंडर निकाले: देहरादून में गांधी पार्क से आईटी पार्क, पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन और क्लेमेंट टाउन से बल्लीवाला। गुरुग्राम की ऐरोस्पेस कंपनी आईजी ड्रोन ने यह टेंडर हासिल किया। कंपनी ने सर्वेक्षण में स्काईहॉक नामक ड्रोन का उपयोग किया है। कम्पनी के अधिकारी बीएस संघप्रिय ने कहा कि स्काईहॉक अभी देश का सबसे विकसित और आधुनिक ड्रोन है। इससे 0.001 प्रतिशत भी गलती नहीं होगी।
स्काईहॉक ड्रोन पर नजर
कम्पनी ने कहा कि स्काईहॉक में 5जी कनेक्टिविटी, AI, GPS नेवीगेशन और थर्मल इमेजिंग के सुपर एचडी कैमरे हैं। यह दहाई किलो वजन लेकर बारह से पंद्रह मिनट में सौ किमी की दूरी तय कर सकता है। यह वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग सुविधा है, इसलिए इसे किसी विशिष्ट रनवे या ट्रैक की जरूरत नहीं है।
फीडर लाइन का काम करेगी पीआरटी
PMR देहरादून में प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर के लिए फीडर लाइन का काम करेगा, उत्तराखंड मेट्रो रेल, शहरी अवसरंचना और भवन निर्माण निगम लिमिटेड के पीआरओ गोपाल शर्मा ने बताया।