उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर ठंड की वजह से लोगों की मुश्किलें दोगुनी हो गई हैं। चीन बॉर्डर पर माइनस डिग्री तापमान से सड़कों पर बहते नाले जमने लगे हैं। ऐसे में लोगों और पर्यटकों की आवाजाही भी मुश्किल हो गई है। कड़ाके की ठंड के बीच, भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क, नागलिंग में जम गई है। जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
धारचूला तहसील मुख्यालय से लगभग 55 किमी दूर, तवाघाट दारमा सड़क पर प्रचंड बेग से बहने वाला नाला पूरी तरह से बर्फ में बदल गया है। रात में यहाँ तापमान माइनस 14 डिग्री रहता है।100 मीटर से अधिक सड़क क्षेत्र में नाले का पानी जम गया है। वहां से कई पर्यटक वाहन वापस आ रहे हैं। पिछले दस दिनों में इस स्थान पर जबरन आवाजाही कर रहे चार दर्जन से अधिक लोग घायल होकर वापस आ गए हैं,
सड़क को खोलने के लिए तुरंत प्रयास करें। जिससे पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं होती। कड़ाके की ठंड में सड़क पर नाला जमने से पर्यटकों को बहुत परेशानी होती है।
14 गांवों का है रास्ता
नाला जमने से मवेशियों और लोगों के लिए भी आवाजाही मुश्किल हो गई है। चीन सीमा से लगे चौबीस गांवों (सीपू, बालिंग, दुग्तू, दांतू, सेला, चल और दारमा) में पर्यटकों को कठिनाई होती है।
दारमा घाटी को देखने के लिए इन दिनों देश भर से पर्यटक आ रहे हैं। नागलिंग में सड़क पर पानी जमने से परेशान लोग हैं। पिछले दस दिनों में नागलिंग से सत्तर से अधिक पर्यटक वापस आए हैं।