मिथिला पंचांग के अनुसार 15 जनवरी को सुबह 8:30 में एवं काशी पंचांग के अनुसार प्रातः काल 8:42 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस कारण इसी दिन पर्व मनाया जयेगा
इस साल भी मकर संक्रांति सोमवार को 15 जनवरी को होगी। 2022 और 2023 में भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई गई थी। 15 जनवरी को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा, मिथिला पंचांग के अनुसार सुबह 8:30 में, और काशी पंचांग के अनुसार प्रातः 8:42 मिनट पर। इसलिए इस दिन उत्सव मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि प्रायः 15 जनवरी को संक्रांति पर्व मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर स्नान करने के बाद दान का है विशेष महत्व जगन्नाथ मंदिर के पंडित आनंद मिश्रा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान व दान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और अक्षय फल प्राप्त होता है। साथ ही जाने-अनजाने जन्मों के किए गए पाप का भी क्षय हो जाता है। इस दिन देवी-देवता एक साथ प्रसन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान कर कंबल, घृत दान, तिल, लडू, वस्त्र आदि दान का विशेष महत्व है।