सोमवार को पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को रूद्रपुर में आयोजित युवा सिक्ख सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। इस दौरान धामी ने सिख समाज के योगदान के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि तराई को आबाद करने में सिक्ख समाज का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रथम गुरू गुरूनानक से लेकर दशमेश गुरूओं के आशीर्वाद से यह धरती लगातार कृषि, उद्योग एवं विकास की दृष्टि में लघु भारत का संदेश पूरे विश्व में दे रही है। उन्होंने कहा कि गुरूनानक जी से लेकर गुरू तेगबहादुर जी तक समस्त गुरूओं ने राष्ट्र को प्रथम रखा और पूरे राष्ट्र और धर्म को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया, इसके लिए उन्होंने कुर्बानियां भी दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 1947 में देश का विभाजन हुआ और विभाजन विभीषिका पर शहीदों को याद करने, उनकों स्मरण करने के लिए पूरे देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। उन्होंने रूद्रपुर में विभाजन विभषिका स्मृति स्थल का निर्माण जल्दी कराए जाने की घोषणा की। आनन्द कारज एक्ट के संबंध में मन्त्रीमण्डल ने जो निर्णय लिया है, उसे जल्दी लागू करने और पांच लाख तक किसानों के लोन पर स्टाम्प ड्यूटी की छूट पहले की तरह जारी रखे जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। वर्ग चार की जो नियमितीकरण की पॉलिसी है, उसको अभी आगे बढ़ाया जायेगा। अमृतसर तक के लिए ट्रेन चले, इसके लिए फिर से रेलमंत्री से आग्रह करने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जगदीश सिंह गोल्डी, दिलजीत सिंह और हरविन्दर सिंह चुघ को अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी हमें प्रदेश में निरंतर विकास कार्य करने की प्रेरणा सभी का सहयोग, प्रेम और एकजुटता से मिलती है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सेवाभाव के संकल्प का पालन करते हुए वे अपने कर्तव्यों को पूरे मनोयोग से पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहजादों की कुरबानी पर वीर बाल दिवस मनाने का फैसला किया था, जो आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि हमारे सिक्ख भाईयों ने देश के विकास में जो योगदान दिया है, वह शब्दों में व्यक्त नहीं हो सकता। हमारे सिख परंपरा ने प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के ध्येय वाक्य को जीवंत करने की कोशिश की है। उन्होने कहा कि सिक्खों द्वारा नानकमता साहिब के साथ जगह-जगह गुरूद्वारों द्वारा लगंर बनाकर श्रद्वालुओं को भोजन कराने की सेवा भावना प्रशंसनीय है।