यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में अप्रैल से बिजली की दरों में 23% तक का इजाफा होने की मंजूरी मिली है। इसका असर उत्तराखंड में महंगाई के रूप में दिखेगा। विद्युत नियामक आयोग इस मामले में सुनवाई करेगा। यूपीसीएल के मुख्यालय में हुई बोर्ड बैठक में बिजली की दरों को 23% तक बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूरी प्राप्त की गई है। यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव ने इसकी पुष्टि की है। इस बढ़ती हुई दरों का असर लगभग 27 लाख उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। यह बढ़ी हुई दरें विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई के बाद ही लागू होंगी।
राज्य में बिजली दरों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। इस साल बिजली दरों में 9.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल 2.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इसके साथ ही, बिजली की दरों में हर महीने भी बदलाव हो रहा है, जिससे कई उपभोक्ता दर के चक्कर में उलझ रहे हैं। इसके अलावा, अलग-अलग तरह के सरचार्ज में बदलाव से भी लोगों को बिजली बिलों का गणित समझने में कठिनाई हो रही है।
चुनावों के बीच बिजली की दरों में बढ़ोतरी की चुनौती
चुनावों के बीच बिजली की दरों में बढ़ोतरी की चुनौती खड़ी है। इस समय बिजली कंपनियों ने दरों में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है, जो चुनावी माहौल में विवादों का कारण बन रहा है। इस पर विद्युत नियामक आयोग ने सुनवाई करने का फैसला किया है। चुनावी माहौल में बिजली की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव विवादों का कारण बन रहा है, जिसके चलते विद्युत नियामक आयोग ने सुनवाई करने का फैसला किया है। चुनावी माहौल में बिजली की दरों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर विद्युत नियामक आयोग ने सुनवाई करने का फैसला किया है।
27 लाख उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा
27 लाख उपभोक्ताओं को इससे प्रभावित होगा। इससे लगभग 27 लाख उपभोक्ताओं को प्रभावित किया जाएगा। इससे लगभग 27 लाख उपभोक्ताओं को प्रभावित किया जाएगा। 27 लाख उपभोक्ताओं को इससे प्रभावित किया जाएगा।